Global Investor Summit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के भव्य आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह समिट (Global Investor Summit) “विकसित मध्यप्रदेश से विकसित भारत” के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के इतिहास में यह पहली बार है जब पूरी दुनिया भारत पर आशान्वित है। मध्यप्रदेश, जो जनसंख्या के हिसाब से देश का पांचवां बड़ा राज्य है, कृषि और खनन में अग्रणी है। प्रदेश को माँ नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त है और यहाँ अधोसंरचना विकास का लाभ मिला है।
18 नई नीतियों का शुभारंभ
प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित (Global Investor Summit) करने के लिए 18 नई नीतियों का शुभारंभ किया। इनमें मध्यप्रदेश उद्योग नीति 2025, एमएसएमई नीति, एक्सपोर्ट प्रमोशन नीति, लॉजिस्टिक्स नीति, स्टार्टअप नीति, और नवकरणीय ऊर्जा नीति शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 300 से अधिक इंडस्ट्री जोन हैं और निवेश की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में 31 हजार मेगावॉट सरप्लस एनर्जी है, जिसमें 30% रिन्यूएबल एनर्जी है।
मध्यप्रदेश देश का कॉटन कैपिटल
प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश को देश का कॉटन कैपिटल (Global Investor Summit) बताया और कहा कि यहाँ का कपड़ा उद्योग और कॉटन सप्लाय देश में सबसे बड़ा है। मध्यप्रदेश में मलबरी सिल्क और चंदेरी साड़ियों की भी बहुत मांग है। देश में बन रहे सात बड़े टेक्सटाइल पार्क में से एक मध्यप्रदेश में है। पर्यटन के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश अग्रणी है, खासकर नर्मदा के किनारे पर्यटन का विकास हुआ है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल और ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति
प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश (Global Investor Summit) इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जनवरी 2025 तक प्रदेश में 2 लाख इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड होंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में शत-प्रतिशत रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण किया जा चुका है और रानी कमलापति स्टेशन जैसे आधुनिक रेलवे स्टेशनों का विकास किया जा रहा है।
अडाणी समूह का बड़ा निवेश
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अडाणी ग्रुप (Global Investor Summit) के चेयरमेन गौतम अडाणी ने कहा कि उनका समूह मध्यप्रदेश में 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जिससे 1 लाख 20 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह निवेश सीमेंट, खनन और ऊर्जा क्षेत्र में होगा।