Mohan Cabinet meeting: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में सम्पन्न हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें शिक्षा, कृषि, भू-अभिलेख डिजिटाइजेशन और वन प्रबंधन से संबंधित योजनाएं शामिल हैं।
“पोषण भी- पढ़ाई भी” प्रशिक्षण कार्यक्रम को मंजूरी
मंत्रि-परिषद ने केंद्र प्रवर्तित सक्षम आंगनवाड़ी (Mohan Cabinet meeting) एवं पोषण 2.0 योजना के तहत “पोषण भी- पढ़ाई भी” प्रशिक्षण कार्यक्रम को मंजूरी दी है। इसके लिए 30 करोड़ 56 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल्यावस्था के प्रथम एक हजार दिनों में प्रारंभिक उद्दीपन, 3 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के लिए ईसीसीई (देखभाल व शिक्षा) को बढ़ावा देना, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ईसीसीई एवं शैक्षणिक दृष्टिकोण की बुनियादी समझ विकसित करना और खेल आधारित उच्च गुणवत्ता प्रदान करना है। इसका लक्ष्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का क्षमता संवर्धन करना और परियोजना में एक बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा 3 पर्यवेक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार करना है।
गेहूं उपार्जन पर बोनस में वृद्धि
मंत्रि-परिषद ने रबी विपणन (Mohan Cabinet meeting) वर्ष 2025-26 में किसानों को गेहूं उपार्जन पर बोनस भुगतान और सरप्लस गेहूं के निस्तारण के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। गेहूं उपार्जन पर बोनस राशि को 125 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 175 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसके साथ ही गेहूं का उपार्जन 2,600 रुपये प्रति क्विंटल पर किया जाएगा। उपार्जन कार्य 15 मार्च से शुरू होगा। गेहूं की एमएसपी दर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल पर उपार्जन पर 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जाएगा। 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं के उपार्जन पर 1,400 करोड़ रुपये राज्य के कोष से व्यय किए जाएंगे।
धान उपार्जन पर किसानों को प्रोत्साहन राशि
धान उपार्जन के तहत खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024 में धान (Mohan Cabinet meeting) का विक्रय करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना के तहत 6.70 लाख किसानों को 12.20 लाख हेक्टेयर में पैदा की गई धान पर राज्य सरकार 480 करोड़ रुपये की राशि व्यय करेगी।
राजस्व भू-अभिलेखों के डिजिटाइजेशन को मंजूरी
मंत्रि-परिषद (Mohan Cabinet meeting) ने भारत सरकार के डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत प्रदेश में राजस्व भू-अभिलेखों के लंबित डिजिटाइजेशन के लिए 138 करोड़ 41 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इस कार्य को मध्य प्रदेश भू-अभिलेख प्रबंधन समिति (एमपीएलआरएस) द्वारा खुली निविदा के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा।
छिंदवाड़ा एवं पांढुर्णा जिले में वनमंडलों का पुनर्गठन
मंत्रि-परिषद ने छिंदवाड़ा वन वृत्त (Mohan Cabinet meeting) (छिंदवाड़ा जिला एवं नवगठित पांढुर्णा जिला) के अंतर्गत तीन वनमंडलों – पूर्व, पश्चिम और दक्षिण छिंदवाड़ा को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया है। निर्णय के अनुसार, दक्षिण छिंदवाड़ा वनमंडल के 662.742 वर्ग किमी वनक्षेत्र को नवगठित पांढुर्णा वनमंडल में शामिल किया जाएगा, जबकि शेष 293.944 वर्ग किमी वनक्षेत्र को पूर्व और पश्चिम छिंदवाड़ा वनमंडलों में विभाजित किया जाएगा। दक्षिण छिंदवाड़ा वनमंडल को समाप्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, दक्षिण छिंदवाड़ा वनमंडल से पुनर्गठित पांढुर्णा तथा पूर्व और पश्चिम छिंदवाड़ा वनमंडलों में पदों का पुनः आवंटन किया जाएगा।
इन निर्णयों के माध्यम से राज्य सरकार ने शिक्षा, कृषि, भू-अभिलेख प्रबंधन और वन संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो प्रदेश के विकास और किसानों की समृद्धि को बढ़ावा देंगे।