Madhav Tiger Reserve: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिवपुरी में नवनिर्मित माधव टाइगर रिजर्व की शुरूआत की। यह एमपी 9वां एवं देश का 58वां राष्ट्रीय टाइगर रिजर्व है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री (Madhav Tiger Reserve) ने पुनर्स्थापन प्रक्रिया के तहत लाई गई एक बाघिन को टाइगर रिजर्व क्षेत्र के मुक्त आवास में छोड़ा। उन्होंने कहा कि आज का दिन चंबल क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि माधव टाइगर रिजर्व में बाघों का पुनर्स्थापन हो रहा है।
वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन्यजीव संरक्षण (Madhav Tiger Reserve) के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राज्य को 9वें नेशनल टाइगर रिजर्व की सौगात मिली है। उन्होंने केंद्र सरकार के सहयोग के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही, उन्होंने टाइगर रिजर्व के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का विमोचन किया और बाउंड्री वॉल का लोकार्पण भी किया।
चंबल क्षेत्र में वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार चंबल क्षेत्र में वन्यजीव पर्यटन (Madhav Tiger Reserve) को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वन संपदा और वन्यजीवों की बड़ी संख्या है। चंबल क्षेत्र के कूनो में चीता, चंबल नदी में घड़ियाल और अब माधव नेशनल पार्क में बाघ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे। उन्होंने कहा कि चंबल में वन्यजीव और मनुष्य सह-अस्तित्व के साथ जीवन जी रहे हैं, जो एक अद्भुत नजारा है।
मध्य प्रदेश: टाइगर स्टेट की पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और विश्व में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश (Madhav Tiger Reserve) की भूमि पर पाए जाते हैं। प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है। उन्होंने बताया कि बाघों के विचरण के लिए चंबल क्षेत्र ही शेष था, और यह कमी अब पूरी हो गई है। स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की जयंती पर इस बाघ आरक्षित क्षेत्र का लोकार्पण राज्य के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नए टाइगर रिजर्व की संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि माधव टाइगर रिजर्व (Madhav Tiger Reserve) नया इतिहास लिखेगा। यह क्षेत्र बाघों के पुनर्वास से अपनी नई पहचान बनाएगा। उन्होंने बताया कि यहां पहले से ही भालू, तेंदुआ, हिरण, चिंकारा, भेड़िया, सियार, साही, अजगर और गिद्ध जैसे वन्य प्राणियों का बसेरा है। उन्होंने कहा कि नए टाइगर रिजर्व के विकास कार्यों में दूसरे जीवों के सह-अस्तित्व का विशेष ध्यान रखा जाएगा। यह कोई चिड़ियाघर नहीं, बल्कि एक मुक्त क्षेत्र है, जो वन्यजीवों और आम लोगों के लिए खुला रहेगा।
पर्यटन और रोजगार के नए अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से चंबल (Madhav Tiger Reserve) क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के लिए विकास के नए द्वार खुलेंगे। माधव टाइगर रिजर्व न केवल वन्यजीव संरक्षण के लिए, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक विकास का भी एक बड़ा स्रोत बनेगा।