Vivah Sammelan: समाज में एकता बनाए रखने के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को संबल देने के लिए हर साल की तरह इस साल भी मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की तहसील भैरूंदा (Vivah Sammelan) के ग्राम लावापानी—सेमलपानी में गोंड समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसको लेकर तुमराम बाबा आश्रम लावापानी (Vivah Sammelan) में बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में आयोजन और आयोजन समिति के साथ ही पूरे कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार की गई। गोंड समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन के 26वें आयोजन को लेकर पूरी तैयारियां शुरू कर दी गई है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गोंड समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन 9 मई 2025 को किया जाएगा।
सामूहिक सम्मेलन से मिला संबल
तुमराम बाबा आश्रम ग्राम लावापानी में हर साल गोंड समाज के सैंकड़ों वर—वधु परिणय बंधन में बंधते हैं। इन सैंकड़ों परिवारों को आर्थिक रूप से संबल मिला है। गोंड समाज के गरीब परिवार जो समाज (Vivah Sammelan) को सामूहिक भोज कराने और आयोजन का खर्च उठाने में असमर्थ रहते हैं, ऐसे परिवारों के बेटे—बेटियों के विवाह की जिम्मेदारी आयोजन समिति पिछले 25 साल से उठा रही है। समिति ने समाज को आर्थिक रूप से संबल बनाने में सबसे बड़ा योगदान दिया है।

बैठक गोंड समाज के गणमान्य थे मौजूद
26वें आयोजन को लेकर बैठक (Vivah Sammelan) आयोजित की गई थी। इस बैठक में वरिष्ठजनों के साथ—साथ बिजेंद्र उईके जिला पंचायत सदस्य, उत्तम उईके जनपद सदस्य, राधेश्याम इवने पूर्व सरपंच, देवीसिंह धुर्वे, जीतेन्द्र पटेल धुर्वे, भीमसिंह धुर्वे, जीवन इवने, सुदेश उईके, धनसिंह परते, कुवेर वारिवा, रवि उईके, मानसिंह परते, अशोक इरपाचे, छगनलाल कुमरे, अर्जुन भलावी, महेश कुमार भलावी, सुमेर धुर्वे, किशोर उईके, अजीत जगेत आदि मौजूद थे।
कब होगा विवाह कार्यक्रम
आयोजन समिति ने गोंड समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन (Vivah Sammelan) की तारीख तय कर ली है। विवाह सम्मेलन की तिथि 9 मई 2025 (शुक्रवार) तय की गई है।
विवाह सम्मेलन ग्राम लावापानी और सेमलपनी (जदीद) में होगा।
आयोजन को लेकर तैयार की समिति
आयोजन समिति का गठन किया गया, जिसमें सभी को अलग—अलग जिम्मेदारियां दी गई।
वित्तीय प्रबंधन: सम्मेलन के लिए आवश्यक धनराशि जुटाने और व्यय प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा की गई।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: सम्मेलन के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
सहयोग और समन्वय: ग्रामीणों और समाज के सदस्यों से सहयोग और समन्वय बनाए रखने पर जोर दिया गया।