Mother Murder Case: एमपी के श्योपुर का मां हत्या कांड में अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। दीपक पचौरी, जिसने अपनी ही मां ऊषा देवी की निर्मम हत्या की, उसे फांसी की सजा दी गई है। अपर सत्र न्यायाधीश एलडी सोलंकी की अदालत (Mother Murder Case) ने कहा कि अपराध माफी के योग्य नहीं है और दोषी को तब तक फांसी दी जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।
एफडी के लालच में उठाया क्रूर कदम
ऊषा देवी और उनके पति भुवनेश पचौरी ने दीपक (Mother Murder Case) को गोद लिया था और अपने बेटे की तरह पाला। भुवनेश की 2021 में मृत्यु के बाद दीपक को उनकी 16 लाख की एफडी मिली, जिसमें वह नॉमिनी था। इस रकम में से वह 14 लाख शेयर बाजार में गंवा बैठा। बाद में उसकी नजर ऊषा देवी की 32 लाख रुपए की एफडी पर पड़ी, जिसकी नॉमिनी भी वही था।
हत्या का खौफनाक तरीका
6 मई 2024 को दीपक ने सुबह मां को तुलसी पर जल चढ़ाने के दौरान सीढ़ियों से धक्का दिया। जब ऊषा देवी को सिर पर गंभीर चोट (Mother Murder Case) आई, तब उसने रॉड से सिर पर वार किया और अंत में साड़ी से गला घोंटकर हत्या कर दी। शव को घर के बाथरूम में सीमेंट से चुनकर दफनाया गया।
पुलिस को गुमराह करने की कोशिश
हत्या को छुपाने के लिए दीपक ने 8 मई को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। साथ ही, एक भावुक डायरी लिखी जिसमें लिखा – “मां, (Mother Murder Case) तुम कहां हो, ये लोग मुझे परेशान कर रहे हैं।”
लेकिन पुलिस की सख्त पूछताछ में वह टूट गया और हत्या कबूल कर ली।
कोर्ट का फैसला और धर्मग्रंथों का संदर्भ
कोर्ट ने अपने फैसले में चारों प्रमुख धर्मग्रंथों – रामचरितमानस, गुरुग्रंथ साहिब, कुरान और बाइबिल – से मां के महत्व (Mother Murder Case) को रेखांकित किया। सभी ग्रंथों में यह बताया गया है कि मां की सेवा करना सर्वोच्च कर्तव्य है और उस पर हाथ उठाना घोर पाप है।
मां की महिमा धर्मों की दृष्टि में…
धर्म | मां के बारे में शिक्षा |
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रामचरितमानस | “जो पितु मातु वचन अनुरागी। तनय मातु-पितु तोषनिहारा।” |
गुरुग्रंथ साहिब | “मात पिता की सेवा करही, अपना गति भिती जाणी।” |
कुरान (सूरा अल-इसरा) | “उन्हें ‘उफ’ तक न कहो और शिष्टाचार से बात करो।” |
बाइबिल | “जो माता या पिता को मारे… वह मृत्यु का भागी है।” |