OBC Backlog Bharti Dispute: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) में ओबीसी वर्ग (OBC Category) के सहायक प्राध्यापक (Assistant Professor) पदों (OBC Backlog Bharti Dispute) में कथित गड़बड़ी पर लोक सेवा आयोग (MPPSC) से जवाब मांगा है। कोर्ट ने आयोग समेत अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर आगामी सुनवाई की तारीख 31 जुलाई 2025 निर्धारित की है।
क्या है मामला? बैकलॉग पदों की अनदेखी का आरोप
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, 2019 की भर्ती (OBC Backlog Bharti Dispute) प्रक्रिया में लोक सेवा आयोग ने जानबूझकर ओबीसी वर्ग के बैकलॉग पदों को होल्ड कर दिया था। इससे योग्य उम्मीदवारों को बाहर कर दिया गया।
इसके बाद 2022 की भर्ती में अंग्रेज़ी विषय के 200 सहायक प्राध्यापक पद घोषित किए गए, लेकिन उसमें भी ओबीसी बैकलॉग पदों को शामिल नहीं किया गया। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह संविधान के आरक्षण प्रावधानों का उल्लंघन है।
हाईकोर्ट का निर्देश: PSC को एडवांस कॉपी और जवाब देने के निर्देश
न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी (Justice Maninder Singh Bhatti) की एकल पीठ में याचिका की सुनवाई हुई। कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को याचिका की एडवांस कॉपी देने और स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।
अब आयोग को यह बताना होगा कि आखिर किन आधारों पर ओबीसी बैकलॉग पदों को विज्ञापन से बाहर रखा गया।
उच्च शिक्षा विभाग और आरक्षण की वैधानिकता पर सवाल
यह मामला न सिर्फ भर्ती (OBC Backlog Bharti Dispute) की पारदर्शिता बल्कि आरक्षण व्यवस्था की वैधानिकता और अनुपालन पर भी सवाल खड़े करता है। ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों की मांग है कि उन्हें संवैधानिक अधिकारों के अनुसार न्याय दिया जाए।
केस से जुड़ी प्रमुख बातें
| वर्ष | भर्ती | OBC बैकलॉग पदों की स्थिति |
|---|---|---|
| 2019 | सहायक प्राध्यापक | पद होल्ड कर दिए गए |
| 2022 | अंग्रेज़ी विषय – 200 पद | बैकलॉग पदों को शामिल नहीं किया गया |
| 2025 | याचिका | हाईकोर्ट ने PSC से जवाब मांगा |
