Adivasi Not Hindu Controversy: मध्यप्रदेश में आदिवासी समाज के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बयान ‘आदिवासी हिंदू नहीं है’ (Adivasi Hindu Not Hindu) का विरोध और तेज हो गया है। आदिवासी समाज (Adivasi Not Hindu Controversy) में अब फूट पड़ने लगी है। आदिवासी संगठनों और समुदाय में हिंदू संगठन सक्रिय हो गए हैं। जो कि उमंग सिंघार का विरोध करा रहे हैं।
आदिवासी संगठनों का कहना है कि जो आदिवासी अपने आप को हिंदू (Adivasi Not Hindu Controversy) कहने की बात कह रहे हैं, उन्हें दूसरे संगठनों ने भड़का दिया है। हमें हमारी संस्कृति और हमारे रीति—रिवाज को बचाना चाहिए। इसके लिए आदिवासी समाज में एक वर्ग समाज को हिंदू रीति—रिवाजों की ओर लेकर जा रहा है, जबकि दूसरा वर्ग जो कि आदिवासी समाज की संस्कृति को बचाने और लोगों में जागरुकता लाने के लिए काम कर रहे हैं।
गंधवानी क्षेत्र में निकाली रैली
धार जिले में आदिवासी समाज के कुछ नेताओं ने उमंग सिंघार पर समाज को तोड़ने और दोहरे चरित्र का आरोप लगाया गया है। गंधवानी क्षेत्र में आज आदिवासी समाज की बड़ी रैली निकाली गई और SDM कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया।
आदिवासी नेताओं का आरोप
आदिवासी नेता दिनेश सिंघार ने कहा कि यह बयान आदिवासी समाज (Adivasi Not Hindu Controversy) को विभाजित करने की साजिश है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आदिवासी आदि अनादिकाल से हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करते आ रहे हैं। साथ ही उमंग सिंघार के दोहरे चरित्र पर भी जोर दिया गया। दिनेश सिंघार ने कहा,
“हम भगवान राम को आदर्श मानते हैं। हमारी परंपरा में हिंदू रीति-रिवाजों का समावेश है। उमंग सिंघार का यह बयान समाज में असहमति और मतभेद पैदा करने वाला है।”
सामाजिक कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद डाबर ने कहा कि गंधवानी आदिवासी (Adivasi Not Hindu Controversy) बाहुल्य क्षेत्र (Tribal Dominant Region) है और यहाँ की जनता हिन्दू धर्म को मानती है।
“उमंग सिंघार खुद सार्वजनिक रूप से गणेश प्रतिमा वितरित करते हैं, सोशल मीडिया पर गणेश जी की पूजा करते हैं, फिर भी आदिवासी हिंदू नहीं हैं यह कहना दोहरा चरित्र है।” उन्होंने सभी से अपील की कि समाज में सौहार्द बनाएं रखें।
समाज को तोड़ने का आरोप
इधर मप्र आदिवासी विकास परिषद के सदस्यों के द्वारा इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है। उन्होंने कहा कि हमारे कुछ आदिवासी भाइयों को भड़काया जा रहा है। जो अपनी संस्कृति को भूल रहे हैं। इसमें दूसरे धर्म व हिंदू धर्म के लोगों की गहरी साजिश है। आदिवासी समाज सीधा वर्ग है, उसको आसानी से अपनी ओर किया जा सकता है। इसी तरह आदिवासी समाज को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है और समाज में ही आपस में लड़ाने की साजिशें दूसरे धर्म के लोगों के द्वारा रची जा रही है।
FAQs
प्रश्न 1: उमंग सिंघार ने ऐसा क्या बयान दिया था जिससे आदिवासी समाज ने विरोध किया?
उत्तर: उमंग सिंघार ने कहा था कि ‘आदिवासी हिंदू नहीं है’ (Adivasi Hindu Not Hindu)। इस बयान पर आदिवासी समाज ने समाज को विभाजित करने का आरोप लगाया और विरोध प्रदर्शन किया।
प्रश्न 2: दिनेश सिंघार ने उमंग सिंघार पर क्या आरोप लगाए?
उत्तर: दिनेश सिंघार ने आरोप लगाया कि उमंग सिंघार आदिवासी समाज को तोड़ने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी आदि काल से हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करते आ रहे हैं, इसलिए उनका बयान पूरी तरह गलत और द्वैध चरित्र है।
प्रश्न 3: सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद डाबर ने इस विवाद पर क्या कहा?
उत्तर: अरविंद डाबर ने कहा कि गंधवानी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र (Tribal Dominant Region) है और यह क्षेत्र हिंदू धर्म को मानता है। उमंग सिंघार स्वयं गणेश प्रतिमा का वितरण करते हैं, इसलिए यह बयान विरोधाभासी है और समाज में असहमति फैलाने वाला है।