Film Vedaa in TV Cinema: इस वीकेंड ज़ी सिनेमा पर देखें ‘वेदा’ जो हौसले, इंसाफ और उम्मीद की एक मिसाल कायम करने वाली फिल्म है। कलाकार जॉन अब्राहम और शरवरी वाघ के अभिनय के साथ यह फिल्म (Film Vedaa in TV Cinema) शनिवार 21 दिसंबर को रात 8 बजे देख सकेंगे। सच्ची घटनाओं से प्रेरित इस कहानी में दमदार एक्शन, गहरे इमोशन और सोचने पर मजबूर करने वाले लम्हों को शामिल किया है।
फिल्म के डायरेक्टर निखिल आडवाणी ने इसमें समाज के अहम मुद्दों को प्रदर्शित किया है। जैसे भेदभाव और समानता के लिए संघर्ष। इस फिल्म में जॉन अब्राहम ने फौजी का किरदार निभाया है। ये फौजी अपने सिद्धांतों के लिए लड़ते हैं और हर सीन में अपना जज़्बा दिखाते हैं। शरवरी वाघ (Sharvari Wagh) ने का किरदार एक छोटे शहर की लड़की का है, जो मुश्किल हालात में भी हिम्मत नहीं छोड़ती। उनका किरदार युवाओं को तो प्रेरित करता ही है, साथ में समानता के लिए लड़ाई का प्रतीक भी है। उन्हीं के किरदार से जुड़े अनुभव साझा कर रही हैं शरवरी—
- क्या आपने जॉन अब्राहम से कुछ सीखा इस फिल्म में काम करते हुए ?
जॉन सर के साथ काम करना हमेशा से मेरी ख्वाहिश थी। उनसे जो सबसे अहम चीज़ मैंने सीखी, वो है अनुशासन और अपने काम के लिए सच्चाई। तपती धूप में मुश्किल एक्शन(Film Vedaa in TV Cinema) सीन करने के बाद भी वो हमेशा जिम जाने के लिए तैयार रहते थे। यह देखकर मुझे भी लंबे वक्त तक मेहनत और लगातार काम करने की प्रेरणा मिली। मैं यकीन के साथ कह सकती हूं कि उन्होंने इस फिल्म में एक आर्टिस्ट और प्रोड्यूसर के तौर पर अपना 2000% दिया है। वो वाकई एक बेहद प्यारे इंसान हैं।
- वेदा का आपका किरदार बड़ा पेचीदा है— एक छोटे शहर की लड़की, उसकी शख्सियत का कौन-सा हिस्सा आपके दिल को सबसे ज्यादा छू गया?
मुझे लगता है कि मैं और वेदा दोनों ही अंडरडॉग्स हैं। जैसे किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि वेदा अपने हालात से लड़कर जीत हासिल करेगी, वैसे ही किसी ने ये नहीं सोचा था कि मैं बॉलीवुड (Film Vedaa in TV Cinema) में अपनी जगह बना पाऊंगी। लेकिन मैं यहां हूं, और हर रोज़ कुछ नया सीखने, मेहनत करने और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही हूं, ताकि अपने घरवालों और इस खूबसूरत इंडस्ट्री को मुझ पर नाज़ हो। वेदा का किरदार मुझे इसलिए भी पसंद आया क्योंकि उसने अपनी तालीम और अपनी ताकत का इस्तेमाल समाज की बुराइयों से लड़ने के लिए किया। जब मैंने इस कहानी को पढ़ा, तो वेदा का ये पहलू मुझे बहुत खास लगा। वो अपनी पहचान साबित करने किसी भी हद तक जाती है। सच बोलने का साहस रखती है। इन सभी बातों ने मेरे अंदर भी ये जज़्बा पैदा किया है।
- इस फिल्म से आपने सबसे बड़ी सीख क्या ली?
इस फिल्म (Film Vedaa in TV Cinema) ने मुझे सिखाया कि छोटी-छोटी चीजों की अहमियत सबसे ज्यादा होती है। अनुशासन रखना, हर रोज़ खुले दिल-दिमाग के साथ नई चुनौतियों का सामना करना— ये वो बातें हैं जो मेरे करियर में बहुत मदद करेंगी। वेदा ने मुझे ये यकीन दिलाया कि सच्चाई और सादगी में ही असली ताकत होती है। उम्मीद करती हूं कि हमारे दर्शक भी इससे जुड़ेंगे। इस फिल्म में काम करते हुए मैंने ये समझा कि मंज़िल से ज्यादा सफर की अहमियत होती है और हमें इसे दिल से अपनाना चाहिए।
तो तैयार हो जाइए! देखिए ‘वेदा’ का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर, शनिवार, 21 दिसंबर रात 8 बजे, सिर्फ ज़ी सिनेमा पर!)