रिपोर्ट: अर्जुन सारसर, नर्मदापुरम
Gondwana Mahasabha Conference: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में अखिल गोंडवाना महासभा ने तीन दिवसीय मातृशक्ति संस्कार सम्मेलन (Gondwana Mahasabha Conference) (मांदी) 12 से 14 अप्रैल 2025 तक पेनढाना के अटल बिहारी वाजपेयी सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित किया। कार्यक्रम में आदिवासी समाज की धर्म, संस्कृति और वर्तमान चुनौतियों पर गहन चर्चा हुई।
12 अप्रैल (शनिवार) को चौरागढ़ महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद पंचकलश ज्योत प्रज्वलित किया गया और सतरंगी ध्वज फहराया गया। इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
मातृशक्ति और पितृशक्ति मंच पर हुआ विचार-विमर्श
13 अप्रैल (रविवार) को मातृशक्ति मंच (Gondwana Mahasabha Conference) के तहत सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक महिलाओं की भूमिका और सशक्तिकरण पर चर्चा हुई। इसके बाद पितृशक्ति मंच पर दोपहर 3:15 से शाम 6 बजे तक आदिवासी समाज की दिशा और दशा पर गंभीर मंथन किया गया।
डॉ. अंबेडकर जयंती पर रैली एवं सम्मान
14 अप्रैल (सोमवार) को भीमराव अंबेडकर जयंती (Gondwana Mahasabha Conference) के अवसर पर एक विशाल रैली निकाली गई और उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इस दौरान समाज के विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
मुख्य अतिथियों ने दिया योगदान
कार्यक्रम में विधायक तुलेश्वर मरकाम (Gondwana Mahasabha Conference) (छत्तीसगढ़), राजा महेंद्र जूदेव, सूबेदार जय सिंह उइके, शैलेंद्र शाह, प्रहलाद उइके, दुर्गा प्रसाद धुर्वे, रामलाल नेवारे, कमल शाह दीवान, रेखा धुर्वे, सविता सिंह परते, कुब्जा उइके और अजय प्रताप सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। आदिवासी समाज के बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लेकर इस आयोजन को सफल बनाया।
इस त्रिदिवसीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य गोंडवाना समाज की सांस्कृतिक विरासत को संजोते हुए उनके विकास और अधिकारों के लिए एकजुटता दिखाना था। कार्यक्रम के आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों के योगदान की सराहना की।