MP Cheetah Project: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंदसौर स्थित गांधी सागर अभयारण्य में दो चीतों—प्रभास और पावक—को खुले बाड़े में छोड़ा। यह देश में पहली बार अंतर्राज्यीय स्तर पर चीतों (MP Cheetah Project) का पुनर्वास है। ये दोनों नर चीते श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान से यहां लाए गए थे।
चीता प्रोजेक्ट की सफलता: मध्यप्रदेश बना अग्रणी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चीता प्रोजेक्ट (MP Cheetah Project) दुनिया में सबसे सफल रहा है। उन्होंने बताया कि कूनो नेशनल पार्क में पुनर्वास के बाद सबसे अधिक चीतों का जन्म हुआ है। उन्होंने कहा, मालवा की धरा पर चीतों का स्वागत है। इससे मंदसौर और नीमच जिलों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
पर्यटन और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
चीतों के आगमन से राजस्थान और मध्यप्रदेश (MP Cheetah Project) के सीमावर्ती जिलों में पर्यटन गतिविधियां तेज होंगी। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा और वन्यजीव पर्यावरण संरक्षण को भी मजबूती मिलेगी। गांधी सागर अभयारण्य में 37 किमी के बाड़े के अंदर चीतल, चिंकारा और छोटे जानवरों की पर्याप्त संख्या है, जो चीतों के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करती है।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे गणमान्य लोग
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री (MP Cheetah Project) जगदीश देवड़ा, सांसद सुधीर गुप्ता, विधायक अनिरुद्ध मारू और हरदीप सिंह डंग के साथ-साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्य नारायण जटिया, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
कूनो से गांधी सागर तक की यात्रा
प्रभास और पावक को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से सुबह रवाना किया गया था। वन विभाग की 20 सदस्यीय टीम उनके साथ गांधी सागर पहुंची, जो अगले 7 दिनों तक यहां रुकेगी और स्थानीय स्टाफ को चीतों की देखभाल के गुर सिखाएगी। इन चीतों को विशेष वाहनों के जरिए श्योपुर, बारां, कोटा और झालावाड़ होते हुए मंदसौर लाया गया। सुरक्षा के लिए आपातकालीन सुविधाएं और मेडिकल टीम भी तैनात रही।
