Bhagoriya parv: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा भगोरिया पर्व उल्लास के साथ मनाएंगे। यह फागुन के रंगों से सराबोर प्रकृति की खुशबू अलग ही अहसास देती है। हमारी सरकार भगोरिया (Bhagoriya parv) का उल्लास बरकरार रखेगी। अब भगोरिया को राजकीय स्तर पर उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। यह इसी वर्ष से शुरू किया जाएगा। वे स्वयं भी भगोरिया उत्सव में शामिल होंगे। इसके अलावा जनजातीय समाज के जितने भी त्यौहार आने वाले हैं, सरकार उन्हें राजकीय स्तर पर मनाएगी।
जनजातीय समाज का गौरव और संस्कृति का संरक्षण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास में हुए जनजातीय देवलोक महोत्सव (Bhagoriya parv) में यह महत्वपूर्ण सौगातें दीं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज हमारा गौरव है। जनजातीय नायकों ने स्वाधीनता संग्राम में अपना बलिदान दिया। वे किसी के भी सामने झुके नहीं। जनजातियों की देशज पुरा संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए सरकार उनका सहयोग करेगी। जनजातियों की विशेष पूजा पद्धति, रीति-रिवाज संस्कृति, संस्कार यह सब हमारी धरोहर हैं। सरकार इन्हें संजोकर रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी।
जनजातीय देवलोक महोत्सव का शुभारंभ
आरंभ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी अतिथियों के साथ जनजातीय (Bhagoriya parv) परम्परा एवं पूजा पद्धति से बड़ा देव पूजन एवं दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने सभी जनजातीय बंधुओं से जय बड़ा देव और जय जोहार का उद्घोष कराया। समारोह स्थल पर आगमन के दौरान जनजातीय समुदाय के कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य एवं वाद्य यंत्रों, मांदल की थाप से अपनी मनमोहक नृत्य प्रस्तुतियों के साथ महोत्सव में मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी मेजबान के रूप में मुख्यमंत्री निवास आए सभी मेहमानों/आगंतुकों पर पुष्पवर्षा कर उनका हार्दिक स्वागत किया।
जनजातीय संस्कृति का सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज का महोत्सव जनजातीय (Bhagoriya parv) समाज के धार्मिक मुखियाओं का सम्मान है। जनजातीय संस्कृति को संरक्षित रखने वाले ओझा, पटेल, पुजारा, तड़वी, भगत, भुमका, पंडा एवं अन्य धर्म मुखियाओं सरकार के लिए सदैव सम्मानित रहेंगे। उन्होंने कहा कि जनजातियों की संस्कृति में आत्मीयता है, इनकी बोली में प्रेम प्रतिबिंबित होता है। जनजातियों की पूजा पद्धति प्रकृति के प्रति आस्था को व्यक्त करती है। जनजातियों के सभी देवी देवताओं और इनकी प्रकृति के प्रति आभार पूजा पद्धतियों को भी नमन है। प्रकृति पूजक जनजातीय संस्कृति हम सबको जीना सिखाती है, जीवन का आनंद लेना सिखाती है। जल, जंगल, जमीन और जमीर बचाने में जनजातीय महानायकों ने अपने प्राणोत्सर्ग कर दिए। जनजाति समाज भारत का गौरव है। टंट्या मामा, रानी दुर्गावती, अमर शहीद रघुनाथ शाह और कुंवर शंकर शाह इसकी पहचान हैं। जनजातीय समाज ने सदियों से भारतीय संस्कृति को और अधिक पल्लवित किया है। जनजातीय समाज के वाद्य यंत्र और उनकी बोली मानवीय भावों का उदात्त प्रकटीकरण है।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समाज का उत्थान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय (Bhagoriya parv) समाज के लिए बड़े काम किए हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने वहां के जनजातियों के उत्थान के लिए अनुकरणीय कार्य किए। केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन-मन योजना, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पेसा एक्ट के जरिए राज्य सरकार ने जनजातीय बंधुओं को सशक्त बनाने की दिशा में प्रभावी प्रयास किए हैं।
जनजातीय कलाकारों को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय संस्कृति के पैरोकार नर्तक दल और वाद्य यंत्र कलाकारों (Bhagoriya parv) के समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि जनजातीय देवलोक महोत्सव में आए सभी जनजातीय नर्तकों एवं वाद्य कलाकारों को प्रोत्साहन स्वरूप पांच-पांच हजार रूपए की धनराशि दी जाएगी। इसके जनजातियों देवस्थानों एवं इनके देवी देवताओं के प्रतीकों, पूजा स्थलों एवं पूजा पद्धतियों के संरक्षण के लिए प्रदेश की सभी पेसा ग्राम पंचायतों को तीन-तीन हजार रूपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने मंच से जनजातीय नर्तकों एवं वाद्य कलाकारों को पांच-पांच हजार रूपए एवं पेसा ग्राम पंचायतों को तीन-तीन हजार रुपये की वित्तीय सहायता राशि के चेक भी वितरित किए।
पेसा एक्ट के माध्यम से जनजातीय समाज को अधिकार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेसा एक्ट के माध्यम से जनजातीय (Bhagoriya parv) समाज को ज्यादा अधिाकर दिए हैं। जल जीवन मिशन को सफल बनाने की जिम्मेदारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपत्तियां उइके को सौंपी है। जनजातियों के समग्र कल्याण की जिम्मेदारी हमारी सरकार ने वरिष्ठ मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह को दी है। प्रदेश में किसानों को बिजली का स्थाई कनेक्शन मात्र पांच रूपए में उपलब्ध कराया जाएगा। शुरुआत में यह व्यवस्था मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्र में होगी। आगे पूरे प्रदेश में हम इसे लागू करेंगे।
वन संरक्षण में जनजातियों की भूमिका
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में वन क्षेत्रों के विकास और संवर्धन में जनजातियों (Bhagoriya parv) की बड़ी भूमिका है। जनजातियों के कारण ही हमारे वन सुरक्षित है। वनों की सुरक्षा में हम जनजातीय बंधुओं से और अधिक सहयोग लेंगे, उनकी जरूरतें पूरी करेंगे और वनोपज का लाभांश भी देंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय समाज के भील, भिलाला, पटेलिया, पनिका, गोंड, कोरकू, मवासी, परधान, कोल, उरांव, बैगा, भारिया एवं सहरिया प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें देवलोक महोत्सव एवं होली की शुभकामनाएं दी।
केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री का संबोधन
कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय (Bhagoriya parv) कार्य राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उईके ने कहा कि जनजातियों की संस्कृति आद्य संस्कृति है। भारत के निर्माण विकास में जनजातियों की बड़ी भूमिका रही है। देश को स्वाधीनता दिलाने में जनजातीय नायकों ने बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि जनजातियों की संस्कृति के संरक्षण में देवलोक महोत्सव का यह आयोजन मील का पत्थर साबित होगा।