Indian Idol Season 15: इस वीकेंड, सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर चर्चित सिंगिंग रियलिटी शो इंडियन आइडल सीज़न 15 चल रहा है। ‘एनिमल’ के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा (Director Sandeep Reddy Vanga) की मौजूदगी में इस फिल्म का एक साल पूरा होने पर सेलिब्रेट होगा। इस स्पेशल एपिसोड में संदीप रेड्डी वांगा मेहमान के रूप में शामिल होंगे। अपनी साधारण शुरुआत से लेकर इंडस्ट्री में सबसे चर्चित निर्देशकों में से एक बनने वाले संदीप प्रेरक बातें शेयर करेंगे।
इस एपिसोड (Indian Idol Season 15) में प्रतियोगी रितिका राज आकर्षक परफ़ॉर्मेंस देंगी। वे “तुझे कितना चाहने लगे” गीत गाकर दर्शकों को लुभाएंगी। संदीप ने इस परफ़ॉर्मेंस की तारीफ करते हुए कहा कि, “मैंने कभी भी इस गाने को महिला की आवाज़ में नहीं सोचा था, यह मुझे यह वाकई पसंद आया।”
संदीप ने बताई दिल छूने वाली कहानी
रितिका और संदीप (Director Sandeep Reddy Vanga) ने उनकी शुरुआती ज़िंदगी और फिल्म निर्माता बनने के सफर पर खुलकर बात की। रितिका ने संदीप से पूछा, “हमने (Indian Idol Season 15) सुना है कि आपका परिवार बहुत समर्थक है। उन्होंने आपकी कैसे मदद की?” संदीप ने दिल छूने वाली एक कहानी सुनाई। उन्होंने कहा, “मेरे परिवार का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है। मैंने एक बार अपनी मां को चुनौती दी थी। इसमें कहा था कि मैंने सिडनी में फिल्म स्कूल में पढ़ाई की, मैकडॉनल्ड्स और सबवे में काम करके जो 2 लाख रुपए कमाए, उसे खर्च करने से पहले मैं निर्देशक बनूंगा।
आइडिया कारगर नहीं हुआ
संदीप (Director Sandeep Reddy Vanga) ने आगे बताया कि मुझे 6-7 साल का समय लगा, लेकिन मेरे परिवार के समर्थन के बिना यह संभवन नहीं हो पाता। अर्जुन रेड्डी उस तरह नहीं बन पाती। उन्होंने बताया कि मैं यह आइडिया (Indian Idol Season 15) लेकर कई निर्माताओं के पास गया, लेकिन कुछ भी कारगर नहीं हो पाया। फिर हमने इसे खुद बनाने का निर्णय लिया। यहीं पर मेरे परिवार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
बनना चाहते थे फिजियोथेरेपिस्ट
संदीप (Director Sandeep Reddy Vanga) ने अपने शुरुआती करियर के बारे मं भी बताया और वह कैसे फिल्ममेकिंग में आए। रितिका (Indian Idol Season 15) ने पूछा, “मैंने सुना है कि आप शुरू में एक फ़िज़ियोथेरेपिस्ट बनने की इच्छा रखते थे। इसके बाद आप निर्देशक कैसे बने? क्या इसे ज़ाहिर किया था?” संदीप ने खुलासा किया, “1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में किसी आम दक्षिण भारतीय परिवार में, आपको या तो इंजीनियर बनने का मौका मिलता था या डॉक्टर बनने का।
मुझे एमबीबीएस के लिए जो जरूरी थे अंक नहीं मिल पाए थे। इसलिए मैंने फ़िज़ियोथेरेपी को चुना था। इस कोर्स को करते समय पहले साल के बाद, मुझे एहसास हुआ कि मेरे पास इस फील्ड में पैसा कमाने का न तो जुनून है और न ही कोई उद्देश्य। बचपन से ही मुझे फ़ोटोग्राफ़ी का शोक था। जो कि बाद में स्टोरीटेलिंग के जुनून में बदल गया। मैं एक फिल्म स्कूल में पढ़ने के लिए सिडनी गया था। वापस लौटा, और मुझे आखिरकार निर्देशक बनने में 6-7 साल लगे।
मां ने फिल्म स्कूल की और फिल्म बनाने में मदद की
श्रेया घोषाल भी इस बातचीत में शामिल हुईं, और उन्होंने संदीप (Director Sandeep Reddy Vanga) से सवाल किए। पूछा कि क्या फिल्म स्कूल जाने का उनका फैसला बस उनके नज़रिए से प्रेरित था। इसमें उनके परिवार की भी कोई भूमिका रही थी। संदीप ने बताया कि, “मेरा परिवार बहुत मददगार रहा। खासतौर पर मेरी मां, जिन्होंने फिल्म स्कूल की फीस (Indian Idol Season 15) तो दी ही साथ में अर्जुन रेड्डी के निर्माण में मदद भी की। मेरी आलोचना की जाती है कि मैंने फिल्मों में मां की भूमिका को पर्याप्त महत्व नहीं दिया। जबकि मुझे एहसास है कि असल ज़िंदगी में मैं अपनी मां से कहीं ज़्यादा जुड़ा हूं। लेकिन हमारे रिश्ते में कोई शिकायत नहीं है, उसमें कोई ड्रामा या कोई नाराज़गी नहीं है। जो कि मुझे इसके बारे में लिखने में मदद और प्रेरित करें। अगर मैं कभी मां-बेटे की कहानी बनाऊंगा, तो यह बहुत सकारात्मक होगी, कुछ भी बुरा नहीं होगा और बस अच्छी भावनाएं शामिल होंगी।
नोट: इंडियन आइडल 15 का यह एपिसोड देखना न भूलें, इस वीकेंड रात 9 बजे, केवल सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर।