MP PM Awas Yojana 2025: मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत अगले 5 वर्षों में शहरी क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर और मध्यम आय वर्ग के लिए 10 लाख आवासों (MP PM Awas Yojana 2025) का निर्माण किया जाएगा। इन आवासों के निर्माण में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। इस राशि में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 23 हजार 25 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।
आवास कॉलोनियों में ये रहेगी सुविधा
आवास निर्माण: पात्र हितग्राही परिवारों के लिए हर मौसम के अनुकूल आवास बनाए जाएंगे।
अधोसंरचना विकास: सड़क, जल आपूर्ति, सीवेज, पार्क, आंगनवाड़ी, प्राथमिक शाला और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
पात्र हितग्राही: अब तक 2 लाख 90 हजार हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
इस तरह मिलेगा अनुदान
बेनिफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन (बी.एल.सी.):
ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र हितग्राही अपनी भूमि पर आवास निर्माण कर सकेंगे।
प्रति आवास 2 लाख 50 हजार रुपये अनुदान प्रदान किया जाएगा।
अफोर्डेबल हाउसिंग एंड पार्टनरशिप (ए.एच.पी.):
नगरीय निकायों, राज्य एजेंसियों और निजी डेवलपर्स द्वारा आवास निर्माण किया जाएगा।
हितग्राहियों को रिडीमेबल हाउसिंग वाउचर (आर.एच.व्ही.) प्रदान किया जाएगा।
अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग (ए.आर.एच.):
कामकाजी महिलाओं, औद्योगिक श्रमिकों, शहरी प्रवासियों और बेघरों के लिए किराए के आवास उपलब्ध कराए जाएंगे।
इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम (आई.एस.एस.):
ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी वर्ग के परिवारों को आवास ऋण पर ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
इन वर्ग को दी जाएगी प्राथमिकता
सिंगल महिलाएं, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, ट्रांसजेंडर, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक और अन्य कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी।
सफाईकर्मियों, स्ट्रीट वेंडरों, कारीगरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और निर्माण श्रमिकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश ने हासिल की ये उपलब्धियां
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के पहले चरण में मध्यप्रदेश ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया।
9 लाख 45 हजार आवासों में से 8 लाख 33 हजार आवास पूर्ण किए जा चुके हैं।
19 हजार 400 करोड़ रुपये की अनुदान राशि में से 18 हजार 700 करोड़ रुपये हितग्राहियों को प्रदान किए जा चुके हैं।
सरकार की पहल से गरीबों को फायदा
भूमिहीन पात्र हितग्राही परिवारों को आवासीय भूमि का पट्टा उपलब्ध कराया जाएगा।
बड़े शहरों को मलिन बस्ती मुक्त करने के लिए पीपीपी मॉडल पर परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
लाभार्थी परिवारों द्वारा आवास निर्माण के चरणों की जियो टैगिंग की जाएगी।
इस योजना के माध्यम से प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर और मध्यम वर्ग के लोगों को बेहतर आवास सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।