MP Wild Tourism: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ हुई बैठक में चीता प्रोजेक्ट (MP Wild Tourism) की समीक्षा की गई, जिसमें कूनो नेशनल पार्क और मंदसौर के गांधीसागर अभयारण्य को चीतों के लिए आदर्श स्थल बनाने की योजना पर चर्चा हुई।
20 अप्रैल को गांधीसागर अभयारण्य में छोड़े जाएंगे चीते
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से 20 अप्रैल को गांधीसागर अभयारण्य (MP Wild Tourism) में कूनो से दो चीतों को स्थानांतरित किया जाएगा। यह क्षेत्र चीतों के लिए जलवायु की दृष्टि से उपयुक्त पाया गया है। उल्लेखनीय है कि भारत में जन्मे चीता शावकों का सर्वाइवल रेट विश्व में सर्वाधिक है, जो मध्यप्रदेश के वन्यजीव प्रबंधन की सफलता को दर्शाता है।
कूनो को वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने की तैयारी
कूनो नेशनल पार्क (MP Wild Tourism) तक ग्वालियर से सीधी सड़क और एयर कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी।
टेंट सिटी बनाकर पर्यटकों को जंगल का अनुभव कराया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पशु चिकित्सालय और रेस्क्यू सेंटर स्थापित किया जाएगा।
स्थानीय युवाओं और महिलाओं को टूरिस्ट गाइड के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।
बोत्सवाना से 8 और चीते लाने की योजना
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के अनुसार, मई 2025 तक बोत्सवाना (MP Wild Tourism) से 4 चीते लाए जाएंगे, जबकि भविष्य में केन्या से भी चीतों को लाने पर विचार चल रहा है। फिलहाल, कूनो में 26 चीते मौजूद हैं, जिनमें 16 जंगल में और 10 पुनर्वास केंद्र में हैं।
किंग कोबरा और घड़ियाल संरक्षण पर भी फोकस
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में किंग कोबरा, घड़ियाल (MP Wild Tourism) और दुर्लभ कछुओं के संरक्षण के लिए भी योजनाएं बनाई जा रही हैं। चंबल नदी से घड़ियालों को अन्य जलाशयों में स्थानांतरित किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिए
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सुझाव दिया कि:
कूनो के आसपास के ऐतिहासिक स्थलों को हेरिटेज वॉक के रूप में विकसित किया जाए।
स्व-सहायता समूहों को पर्यटन से जोड़कर स्थानीय रोजगार बढ़ाया जाए।
मध्यप्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि वन्य पर्यटन के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जाए और प्रकृति प्रेमियों के लिए विश्वस्तरीय अनुभव सुनिश्चित किया जाए।