रिपोर्ट: विक्की वारिवा, भैरूंदा
Sehore Forest Department Action: सीहोर के लाड़कुई वन परिक्षेत्र में लोगों ने नीलगाय का शिकार कर लिया। इसका पता तब चला जब 21 दिसंबर को वन विभाग की टीम रात्रि गश्त पर निकली। इस दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम रफिकगंज(जामुनझिल)निवासी ने रफीकगंज (Sehore Forest Department Action) के जंगल में वन्य प्राणी “नीलगाय” का शिकार किया है।
शिकारियों ने कुत्तों की मदद से नीलगाय का शिकार किया है। शिकारियों ने वन्य प्राणी नीलगाय को जयराम के घर के पास लगे बारबेट तार में फंसा लिया। नीलगाय वहीं पर गिर गई। तभी मौके का फायदा (Sehore Forest Department Action) उठाकर शिकारियों ने वन्य प्राणी पर कुल्हाड़ी एवं पत्थर तथा डंडो से हमला कर प्राणघातक हमला कर दिया और जान से खत्म कर दिया। इसी के साथ ही मक्के की कड़बी के नीचे नीलगाय को छिपा दिया।
खून के निशान से तलाशी नीलगाय
सूचना मिलते ही वन अमला तत्काल अलर्ट होकर मुखबिर के बताएं। स्थान पर सर्चिंग की गई तो पाया कि जयराम के खेत के किनारे वन्य प्राणी नीलगाय मारने के साक्ष्य के रूप में “ब्लड” (Sehore Forest Department Action) के निशान सूखी घास एवं जमीन पर पड़ा हुआ मिला। इसके बाद वन अमले के द्वारा अपराधियों के पग चिन्ह एवं ब्लड की बूंदे को बैटरी टॉर्च की मदद से सर्चिंग की। घटनास्थल से 2 किलोमीटर दूर जंगल में एक गहरी खाई में वन्य प्राणी नीलगाय का शव बरामद किया गया। शव खून से लतपत एवं उसके शरीर पर से खाल को नोच कर उदड़ा दिया।
वन अमले की रातभर निगरानी
नीलगाय के मारे (Sehore Forest Department Action) जाने की सूचना वन परिक्षेत्र अधिकारी लाड़कुई प्रकाश चंद उईके को दी। सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे। उक्त घटना के संबंध में सघन निरीक्षण के बाद वन अमले एवं सुरक्षा श्रमिकों को उक्त शव का रात्रि में निगरानी करने के लिए पाबंद किए। इसके बाद आरोपियों तलाश की गई। वन अमले ने कई इलाके में तलाश की, लेकिन कोई नजर नहीं आया।
शव का कराया पीएम
वन्य प्राणी शव जब्त कर उसकी जांच कराई। पशु चिकित्सा लाड़कुई (Sehore Forest Department Action) को सूचना दी गई। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम किया गया। परीक्षण के बाद वन्य प्राणी की मौत धारदार से की गई। कुल्हाड़ी एवं पत्थर की गहरी चोट लगने से मौत हुई। इसके बाद वन्य प्राणी नीलगाय के शव को दाह संस्कार वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में नष्ट किया। वन्य प्राणी अधिनियम 1972 की धारा 9,39,51,52 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।