Vijay Shah Statement Controversy: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की ब्रीफिंग देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी (Colonel Sophia Qureshi) पर भाजपा मंत्री विजय शाह (Vijay Shah Statement Controversy) द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। सोमवार, 28 जुलाई को सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाला बागची की पीठ ने शाह की ऑनलाइन माफी को न केवल खारिज कर दिया, बल्कि उसे ‘निष्ठाहीन’ (insincere) करार दिया।
जजों ने कहा कि शाह ने अपने माफीनामे में जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की बात स्वीकार नहीं की है। जस्टिस सूर्यकांत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा – “आप हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं।”
क्या कहा था विजय शाह ने?
11 मई को इंदौर के महू में आयोजित हलमा कार्यक्रम के दौरान विजय शाह (Vijay Shah Statement Controversy) ने ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी करते हुए कहा था –
“उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा, और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा।”
उन्होंने आगे कहा –
“अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा… हमारे देश की बहनों के सुहाग का बदला लेने के लिए।”
इस बयान को महिलाओं और विशेष समुदाय के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक माना गया, जिससे न केवल जनभावनाएं आहत हुईं, बल्कि सैन्य प्रतिष्ठानों की गरिमा को भी ठेस पहुंची।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई
मंत्री शाह के बयान (Vijay Shah Statement Controversy) पर हाईकोर्ट ने केस दर्ज करने के आदेश दिए। इसके बाद 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए SIT गठन का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे भड़काऊ बयानों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
SIT जांच और अब तक की कार्रवाई
20 मई से जांच शुरू हुई।
125 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें मंच पर मौजूद नेता, पत्रकार, स्टूडेंट्स, एनसीसी कैडेट्स, वॉलंटियर्स और विवि कुलपति शामिल हैं।
बयान इंदौर के सरकारी रेस्ट हाउस में रिकॉर्ड किए गए।
SIT रिपोर्ट 13 अगस्त तक कोर्ट में पेश होगी।