Mohan Cabinet Meeting: मध्य प्रदेश देश में कुल दुग्ध उत्पादन के मामले में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश के कई गांवों में किसान पशुपालन कर दुग्ध उत्पादन कर रहे हैं, ऐसे किसानों को सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। प्रदेश को देश में दुग्ध उत्पादन के मामले में भी पहले स्थान पर लाया जाएगा।
ये सब बातें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Mohan Cabinet Meeting) ने 10 सितंबर को आयोजित मंत्रालय में बैठक के दौरान कही। बैठक डेयरी विकास योजना, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने एवं सांची दुग्ध संघ के कार्यों के संबंध में समीक्षा को लेकर की गई थी।
दुग्ध उत्पादन में बनाएंगे अग्रणी राज्य
बैठक में राज्य कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और उससे जुड़े दुग्ध संघों का प्रबंधन और संचालन का काम बोर्ड को दिया जाएगा। यह काम अगले पांच साल के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को दिया गया है। इसको लेकर सहमति बन गई है। इसके लिए आवश्यक स्वीकृति को लेकर जो भी नियम निर्धारित हैं, उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव (Mohan Cabinet Meeting) ने कहा कि प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाएंगे। किसानों और पुशपालकों की आमदनी बढ़ाने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों की आय बढ़ाने को लेकर राष्ट्रीय बोर्ड को दायित्व देने पर सहमति बन गई है। आवश्यकता पड़ने पर सहकारिता अधिनियम में आवश्यक संशोधन करके कार्यवाही की जा सकेगी।
दुग्ध उत्पादन में तीसरे स्थान पर मप्र है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव (Mohan Cabinet Meeting) ने कहा कि उप्र और राजस्थान राज्य के बाद एमपी दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य है। इसी के साथ एमपी देश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में हर दिन औसतन साढ़े पांच करोड़ लीटर दुग्ध उत्पादन किया जा रहा है। प्रति व्यक्ति दुग्ध की उपलब्धता में एमपी की स्थिति राष्ट्रीय औसत से अच्छी है।
हर व्यक्ति को मिलता है इतना दूध
बता दें कि जहां देश में प्रति व्यक्ति 459 ग्राम प्रतिदिन दूध मिल पाता है। जबकि मध्यप्रदेश (Mohan Cabinet Meeting) में 644 ग्राम दूध प्रति व्यक्ति उपलब्ध है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अगले पांच वर्ष में प्रदेश का दुग्ध उत्पादन दोगुना करने के लिए लक्ष्य तय किए गए हैं! इसके लिए सहकारी आन्दोलन को मजबूत करने और किसानों एवं पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए काम किया जाएगा।