MP Scholarship Hike: मध्य प्रदेश कैबिनेट (MP Scholarship Hike) की बैठक में आज प्रदेश के अनुसूचित जाजि और जनजाति के साथ ही पिछड़ा वर्ग के छात्रों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। प्रदेश के आरक्षित वर्ग के छात्रों को अब सरकार 10 की जगह 12 महीने की शिक्षावृत्ति के लिए स्कॉलरशिप देगी।
इसको लेकर कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (MP Scholarship Hike) ने प्रेस ब्रीफ के दौरान जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में कॉलेजों में सेमेस्टर प्रणाली के चलते 12 महीने ही छात्र पढ़ाई करते हैं। इसी के चलते अब एसटी, एससी और ओबीसी के छात्रों को 12 महीने की शिक्षावृत्ति दी जाएगी। इसकी मंजूरी कैबिनेट की बैठक में दी गई है।
सेमेस्टर व्यवस्था में 12 महीने ही होती है पढ़ाई
बता दें कि मध्य प्रदेश के कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले अनुसूचित जाति— जनजाति (MP Scholarship Hike) वर्ग के छात्रों को अब तक केवल 10 माह की शिष्यवृत्ति प्रदान की जाती थी। जबकि प्रदेश के कॉलेजों में सेमेस्टर प्रणाली की शिक्षा व्यवस्था के चलते 12 महीने की पढ़ाई होती है। इसी के चलते छात्रों को बाहर रहकर पढ़ाई करना पड़ रहा है। इसको लेकर कई संगठनों ने मांग की थी।
इनके प्रयासों से मिला छात्रों को लाभ
छात्रों की शिष्यावृत्ति 10 माह, जबकि पढ़ाई घर से बाहर रहकर 12 माह की छात्र (MP Scholarship Hike) कर रहे थे। स्कॉलरशिप की समस्या को देखते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य के वरिष्ठ सलाहकार प्रकाश सिंह उइके, मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग गुलशन बामरा, विशिष्ट सहयोगी समाजसेवी पी. सूर्यनारायण सूरी के प्रयासों से यह विषय मध्यप्रदेश सरकार की मंत्रि-परिषद् (कैबिनेट) बैठक में पारित हो गया है।
अब अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों को 10 माह की बजाय 12 माह की शिष्यवृत्ति प्राप्त होगी। यह निर्णय विद्यार्थियों की शैक्षणिक निरंतरता और आर्थिक सहयोग के लिए एक ऐतिहासिक एवं दूरदर्शी कदम सिद्ध होगा।