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Vagishwari Award 2025: बुलंदियों को छू रहे उपन्यासकार आकाश, सीहोर के इतिहास को वागीश्वरी सम्मान

Vagishwari Award 2025: मध्य प्रदेश के भोपाल से सटा हुआ जिला सीहोर, जो कभी भोपाल का भी जिला हुआ करता था। इसी सीहोर की माटी में आजादी के कई इतिहास दफन है। यहां रिसर्च की जाए तो आपको कई योद्धा (Vagishwari Award 2025) के नाम मिल जाएंगे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना लहु बहाकर खुद की कुर्बानी दे दी।

ऐसी ही एक नर्तकी भी थी, जिन्होंने अंग्रेजों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी, लेकिन इतिहास के कालखंड में इस योद्धा नर्तकी को लोग भूल गए थे। इसी योद्धा नर्तकी के साहस और वीरता को उजागर करती सीहोर के आकाश माथुर की किताब उमेदा। जिसे अब वागीश्वरी सम्मान 2025 से नवाजा गया है।

कौन थी ये गुमनाम नर्तकी?

उमेदा एक योद्धा नर्तकी उपन्यास में लेखक आकाश माथुर (Vagishwari Award 2025) ने सीहोर और नरसिंगढ़ के इतिहास के पन्नों को खंगाला है। इसी इतिहास में से एक ऐसी योद्धा नर्तकी के बलिदान को नई पचान दिलाई है, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था।
देश में कई वीर और वीरांगनाएं हुई हैं। इसी तरह कई वीर और वीरांगनाएं गुमनामी के काल में भी समा गई होंगी, लेकिन उन्हें आज तक कोई सम्मान नहीं दिला पाया। हालांकि इन वीरों और वीरांगनाओं ने अपना बलिदान अपनी मिट्टी का कर्ज उतारने के लिए दिया है, न कि किसी सम्मान या फिर बुलंदियों को छूने के लिए।

अब सब की जिम्मेदारी है कि ऐसे योद्धाओं को जो गुमनामी में है, ऐसे शहीदों को सम्मान मिलना चाहिए, मिलना ही चाहिए। आकाश माथुर ने एक गुमनाम योद्धा नर्तकी को वागीश्वरी सम्मान दिलाकर एक नया इतिहास रच दिया है।

एक नर्तकी बनी योद्धा

आकाश माथुर के इस उपन्यास में योद्धा नर्तकी का जीवन संघर्ष तो ही, साथ ही वह कैसे बिना सिखाए शस्त्र अध्ययन भी करती है। स्वयं ही युद्ध कला भी सीखती है, जिस तरह से एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा के समक्ष ही धनुर्विद्या सीख ली थी, और एक नया इतिहास रच दिया था।

इस किताब को पढ़ने के बाद आपको नरसिंगढ़ के राजकुमार कुंवर चैनसिंह जिसका इतिहास सीहोर से भी जुड़ा है, जिनकी अंग्रेजों से अंतिम लड़ाई में सीहोर में ही नर्तकी भी शहीद हो गई थीं। और वीरगति को प्राप्त हुईं।

इस किताब के बारे में और भी विस्तार से लिखा जा सकता है, लेकिन आप खुद इस किताब को पढ़ें और एक योद्धा नर्तकी के इतिहास को जानें, उनके संघर्ष को पढ़कर आपकी महिलाओं के प्रति जो भी सोच है वह पूरी तरह से बदल जाएगी।

हाल में मिला है रामदरश मिश्र सम्मान

मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के प्रतिष्ठित वागीश्वरी पुरस्कार- 2025 (Vagishwari Award 2025) के लिए प्राप्त प्रविष्टियों पर निर्णायक मंडल ने उपन्यास विधा में आकाश माथुर, सीहोर को उनके उपन्यास ‘उमेदा-एक योद्धा नर्तकी’ के लिए, के लिए सम्मान प्रदान करने की घोषणा की है।

इससे पहले अगस्त 2025 में ही आकाश माथुर के एक और उपन्यास मुझे सूरज चाहिए के लिए रामदरश मिश्र न्यास के रामदरश मिश्र शताब्दी सम्मान (कथा साहित्य) से सम्मानित किया गया है।

Reena Dhurwey
Reena Dhurwey
रीना धुर्वे एक वरिष्‍ठ पत्रकार और इक्षित वचन ग्रुप में उप संपादक हैं। पत्रकारिता जगत में पिछले चार साल से सक्रिय हैं। वर्ष 2020 से पत्रकारिता में करियर की शुरुआत की और यह क्रम लगातार जारी है। पत्रकारिता की ट्रेनिंग लेने के बाद करियर स्‍थानीय वेबसाइट और समाचार पत्रों में सब एडिटर के रूप में अपनी सेवाएं दीं। अब इक्षित वचन ग्रुप के साथ जुड़कर काम कर रही हैं। लाइफ स्‍टाइल, खाना खजाना, महिलाओं से जुड़े मुद्दों और खबरों पर इनकी खास रुचि है। हालांकि अन्‍य खबरों पर भी ये खास पकड़ रखती है। खबर को बेहतर से बेहतर तरीके से पाठकों तक पहुंचाने की इनकी कोशिश रहती है। जो सीखा है उसे निखारना और कुछ नया सीखने का क्रम जारी है।
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