Budni By-Election: मध्य प्रदेश में उप चुनाव की घोषणा हो चुकी है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने बुदनी और विजयपुर विधानसभा सीट पर वोटिंग की तारीख 13 नवंबर तय की है। जबकि काउंटिंग की तारीख 23 नवंबर तय की है।
एमपी की सबसे चर्चा में रहने वाली विधानसभा सीट बुदनी (Budni By-Election) है। जहां से पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई है। जहां बीजेपी ने पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को उपचुनाव के मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने भी इस बार मजबूत और दिग्गज कैंडिडेट पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को टिकट दिया है।
दो अनुभवी दिग्गजों का चुनावी मुकाबला
बुदनी विधानसभा सीट (Budni By-Election) की सबसे ज्यादा चर्चा की जा रही है। यह सीट हाईप्रोफाइल होने के साथ ही अब टक्कर वाली सीट भी बन गई है। दोनों की प्रमुख पार्टी के उम्मीदवार मजबूत हैं और बुदनी विधानसभा में अपनी अच्छी छवि भी रखते हैं। लेकिन जनता किस पर ज्यादा भरोसा जताएगी यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा। अभी दोनों की कैंडिडेट्स को कमजोर नहीं माना जा सकता है।
जाने किसके पास कितना अनुभव
भार्गव का राजनीतिक सफर
बुधनी विधानसभा सीट (Budni By-Election) से बीजेपी उमीदवार रमाकांत भार्गव बीजेपी संगठन में हमेशा से सक्रिय रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं। इसी के साथ ही सहकारिता में उनकी सीहोर जिले में मजबूत पकड़ रही है। इसी के साथ ही उन्होंने विदिशा लोकसभा सीट से 2019 में चुनाव लड़ा और बीजेपी के सांसद बने। उनकी जगह 2024 में शिवराज सिंह चौहान को विदिशा से टिकट दिया गया। इसी के चलते अब रमांकात भार्गव को शिवराज के गढ़ बुदनी से टिकट दिया गया है। इसलिए यह चुनाव बड़ा रोचक है।
राजकुमार पटेल का राजनीतिक करियर
कांग्रेस से उम्मीदवार राजकुमार पटेल भी काफी मजबूत कैंडिडेट माने जा रहे हैं। राजकुमार पटेल बुधनी विधानसभा (Budni By-Election) से एक बार विधायक रह चुके हैं। 1993 का विधानसभा चुनाव जीता और प्रदेश सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री रहे। पटेल छात्र संघ अध्यक्ष, NSUI प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय महामंत्री भी रहे हैं। फिलहाल वे एमपी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।
अपना किला वापस लेंगे राजकुमार
बता दें कि बुदनी विधानसभा सीट (Budni By-Election) पर किसी जमाने में कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा है। इस कांग्रेस के गढ़ को पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत ने भेदा था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के लिए वर्ष 2005 में राजेंद्र सिंह ने यह सीट छोड़ दी थी। तभी से शिवराज सिंह चौहान यहां से विधायक रहे हैं और यह बीजेपी के शिवराज का गढ़ माना जाता है। अब इस गढ़ का वारिस कौन होगा, इस पर सभी की निगाहे टिकी हुई है। क्या कांग्रेस अपना किला वापस छीन लेगी या बीजेपी को बुदनी में नया वारिस मिल जाएगा। इसका पता 23 नवंबर 2024 को पता चल जाएगा।
भार्गव के पास बीजेपी संगठन की ताकत
बीजेपी प्रत्याशी रमाकांत भार्गव (Budni By-Election) के पास बीजेपी के मजबूत संगठन की ताकत है। इसी के साथ ही वे बुदनी की जनता के बीच जाते रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान उनकी इस चुनाव में विजयी दिलाने में मदद करेंगे। इसी के साथ ही बुदनी बीजेपी का गढ़ होने से काफी फायदा मिलेगा।
राजकुमार के पास भी कार्यकर्ताओं की ताकत
राजकुमार पटेल चाहे इस सीट (Budni By-Election) से एक बार ही चुनाव लड़े हों, लेकिन इस विधानसभा में उनकी मजबूत पकड़ रही है। उनके पुराने कार्यकर्ता फिर से विधानसभा में एक्टिव हो गए हैं। वहीं कांग्रेस संगठन भी उनको चुनाव जिताने में पूरी मदद कर रहा है। उनका मिलनसार व्यक्तित्व को लोग पसंद करते हैं। बुदनी की जनता के लिए यह चेहरा जाना पहचाना है। इसी के चलते कांग्रेस इस सीट पर कब्जा करने की उम्मीद लगाए बैठी है।